सम्मान धन से अर्जित नहीं किया जाता। सम्मान प्राप्त करने के लिए आपको लोगों को सम्मान देना पड़ता है। जो आपसे प्रेम नहीं करता वह आपको सम्मान कैसे देगा। क्या आपने अपने मित्र, सगे-सम्बन्धिओं के साथ प्रेम बांटा है? यदि प्रेम का धागा ही न होगा तो क्या आप किसी को सम्मान देंगे?
धन केवल आपको एक सामजिक स्तर दे सकता है। धन से आप वस्तुवों का सृजन कर सकते हैं परन्तु आप इससे सम्मान नहीं खरीद सकते। सम्मान बाज़ार में बिकने वाली वास्तु नहीं है। सम्मान के लिए मुझे रोज़ इस समाज में एक सम्मानित-सभ्य व्यक्ति बनके कर्म करना होगा। जब सालों साल लोग मेरी मेहनत और जीवन को देखेंगे और उसके बाद जो बदले में मिलता है वही सम्मान या अपनमान होता है। अगर आपके कर्मो से लोगो के जीवन में कष्ट पहुंचेगा तो यही कर्म आपके अपमान का कारण बनेंगे।
चाणक्य पंडित का कथन है "निकृष्ट व्यक्ति धन की कामना करता है, साधारण व्यक्ति धन और सम्मान की
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